Bhole

बम -बम भोले ;बम-बम भोले, दुनिया रही है तुझको ढूंढे
तू कहां है बैठा आंखें मूंदे !
लोग रहे यहां तेरी बारात सजा
तू कहां बैठ डमरू रहा बजा ?
हर हर महादेव ;ओम नमः शिवाय
छत्रिय रहे चिल्ला ध्वजा को खोलें
बम -बम भोले; बम-बम भोले!
तू बैरागी, तू अवघड- दानी ,
सत्य वही जो तेरी वाणी ,
तेरे सामने क्या अभिमानी !
क्या ज्ञानी और क्या राजा- रानी
तेरी कृपा से सारे हैं प्राणी!
तेरे त्रिनेत्र ,तेरे रूप अनेक!
रखते तुम जटा में गंगा,
तुझे पूजती दुनिया साड़ी ,
बड़े शोभते हैं तेरे माथे पर चंदा!
हो शिव शंकर त्रिशूलधारी
तू बता मुझे क्यों बना भिखारी? ओम बम-बम भोले बम-बम भोले!
तू चित शांत ,कालभैरव बन जलाए शोले,
बम-बम भोले ; बम-बम भोले!
तू अजा; तू ही भैरवा; तू सर्वेश्वरा,
हे भोलेनाथ, देवा देव ,महेश्वरा ;
हे सर्पधारी ,भूतेश्वर ,तू धन दिया ,तू गिरजापति ,गंगाधरा!
है चंद्रपाल, तू भूतकाल ,
हे जतिन, है जगदीश,
हे गुरुदेव बना रहे तेरा आशीष! कैलाश पति ,कैलाश नाथ लिंगराज ,है योगीनाथ,
महेश्वरा, है महादेव
ओंकार तू निराकार
ऐसी बने हमारी दासता
तुझ से गुजरे हर मेरे रास्ता!
तू सर्वे सर्वा; शिव शंकर
तू शिवाय ,तेरा रूप दिगंबर! मनवा गाय बोले
बम-बम भोले, बम-बम भोले!
हे शिव शक्ति, तुझ में ही भक्ति; तुझसे ही सबों को मुक्ति!
तू शिव, तू सत्य, तू ही सुंदर!
पूरा ब्रह्मांड तेरे ही अंदर
काल भी तू, तू ही महाकाल है!
तुझसे तूफान तुझसे अंगार, तुझसे पूरे अकाल है!
सती तो थी तेरी अपनी, सबसे प्यारी;
तुझे पता तो था विधि की विधान सारी!
काहे ना टाला शक्ति की मृत्यु ?
ना सका टाल तो फिर तांडव क्यों?
लिया रूद्र मृत्यु लोक लागे डोले,
बम-बम भोले ; बम-बम भोले!
पालनहारा ,पशुपतिनाथ
हे शिव शंभू ,वाचस्पतिनाथ,
वेदाकर्ता, उमापति ;
हे त्रिपुरारी, त्रिलोकपति ,
तेरा नाम लबों पर आय ,
बम-बम भोले ;नमः शिवाय!
– शिवम कश्यप

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